✈© दास्तान-ए-इज़राइली कमांडो योनाथन नेतान्याहू 🛬🚘 ✈ @📿 गुरु बलवन्त गुरुने⚔

©  अब तक आप  बेंजामिन नेतन्याहू के नाम से तो सभी वाकिफ हैं। श्री नेतन्याहू इज़राईल के प्रधानमन्त्री हैं, और अभी हाल ही में भारत का दौरा कर के गये हैं, जहां हमारे प्रधानमन्त्री, श्री मोदी ने उन का भव्य स्वागत किया।

नेतन्याहू खुद भी इज़राइल की फ़ौज में काम कर चुके हैं और उन का सपुत्र भी फ़ौज में कार्यरत है, लेकिन आज जो कहानी आप को सुनाने जा रहा हूँ, उस का सम्बन्ध इस्राईली प्रधानमन्त्री के कमांडो भाई से है।

किस्सा  27 जून 1976 का है, जब फलस्तीनी विद्रोहियों ने एयरफ्रांस का एक हवाई जहाज हाइजैक कर लिया।

248 यात्रियों को लिये यह विमान टेलअवीव से पेरिस के लिए रवाना हुआ था, लेकिन बीच में ही जहाज को अगवा कर के  गुंडाराज युगांडा के एंटीबी एयरपोर्ट पर उतार लिया गया, यानी उस ही यूगांडा में, जिस पर नरभक्षी गुंडे,  ईदी अमीन का निरंकुश  शाशन स्थापित था।

यूगांडा में इजरायली यात्रियों को छोड़, बाकी  148 यात्रियों को  आतंकियों द्वारा  छोड़ दिया गया।  94 इज़राइली मुसाफ़िरों को और एयरफ़्रांस के 12 क्रियु मेम्बर्स  को आतंकियों द्वारा बंधक बना लिया गया, और उन्हें एक एक कर मारे जाने की धमकी जारी कर दी गयी।

अब इजरायल के नेताओं और फौजियों के सामने, एक बड़ी समस्या थी कि आख़िर इस स्थिति से कैसे निपटा जाये !
इज़राईली नागरिक,  दुश्मन आतंकियों के कब्ज़े में थे, और एक ऐसे मुल्क में जो न सिर्फ एक तानाशाह द्वारा संचालित था, बल्कि यूगांडा का  एंटीबी एयरपोर्ट तो इस्राईल से 2500 मील, या यूँ कहिये की 4000  किलोमीटर दूर था।

आतंकियों की मांग थी होस्टेजिज़ छुड़ाने के एवज़ में इज़राईल को 40 फिलस्तीनियों को छोड़ना हो गा, जो इज़राइल की कैद में थे, और 13 और विभिन्न देशों में कैद फिलस्तीनियों को भी छुड़ाना हो गा,  यानी कुल 53 फिलीस्तीनियों की रिहाई की मांग थी।

बातचीत करने का कोई फायदा नहीं हुआ, न होना ही था, क्यों की आतंकी उस के बावजूद भी अपनी आतंकाना  मांगे सामने रखते रहे।  वैसे भी इज़राइल बेवजह की बातचीत में विशवास नहीं करता।

ईदी अमीन को महंगी कारों का बहुत शौक था। किसी और ही लूप पर उसे कुछ चोरी की हूँ अत्यंत महंगी कारों का ऑफर दिया गया, और इन कारों की डिलीवरी की बात की गयी।

 ईदी अमीन के मुंह से लार टपकने लगी, और वह बेसब्री से लक्सरी कारों का इंतज़र करने लगा।  यानी एंटीबी हवाईअड्डे का सेक्युरिटी विभाग इस फ़िराक़ में था कि ईदी अमीन के लिए कोई जहाज़ कारें वगैरा ले कर आ रहे हैं।

इस बीच इसराईलियों ने सारी इनफार्मेशन जुटाई, नकली एंटीबी एयरपोर्ट का मॉडल बनाया और अपने ऑपरेशन की कई बार रिहर्सल कर ली, और एंटीबी हवाई अड्डे पर इस्राईली रेड, यानी ऑपरेशन थंडरबोल्ट लांच करने का पूर्ण निश्चय कर लिया ।

4 जुलाई 1976 की  शाम, इजरायल के 100 कमांडो, चार कार्गो जहाजों में, 2 बुलेटपरूफ़ लैंडरोवर कारें, एक लक्ज़री मरसेडीज़ बेन्ज़ लिमुज़ीन कार,  और दो बख्तरबंद APC गाड़ीआं लिए , यूगांडा के एंटीबी एयरपोर्ट की तरफ उड़ चले। 

सफर इतना लम्बा था की हरक्यूलस लॉकहीड जहाज़, जो इस रेड में इस्तेमाल हुए, एक बार भरे ईंधन से इतना लम्बा रेड मार कर बिना पुन्ह ईंधन भरे वापिस नहीं आ सकते थे।

वापसी के ईंधन का जुगाड़ युगांडा पहुंचकर करना था या फिर किसी मित्र अफ़्रीकी देश से करना था। वापसी के तेल की व्यवस्था दुश्मन के हवाई अड्डे से ही करने की स्कीम भी बनाई गयी। 
 हालांकि ईदी अमीन और फ्लिस्तिनियो से कोई मुल्क दुश्मनी लेने को राज़ी न हुआ, लेकिंन अनन्तः कीनिया इस  बात के लिये राज़ी हो गया।

यानी रेड के बाद पहले चारों इज़राइली जहाज़ कीनिया में उतरे और वहां से ईंधन ले कर पुन्ह इज़राईल के लिए रवाना हुए।

रात के अँधेरे में  चार इज़राइली कार्गो जहाजों ने एंटीबी एयरपोर्ट पे लैंड किया,  महंगी कारें पहले जहाज़ से उतारी गयी, और उन ही में सवार हो कर इज़राइली कमांडो, फ़लस्तीनियों द्वारा अपहरण किये गये यात्रियों को छुड़ाने  उस टर्मिनल की तरफ चल दिए, जहां होस्टेजिज़  कैद थे।

कमांडो  चार जहाज़ों और तीन टीमों  में विभाजित थे।  पहली टीम का मिशन था पैसेंजर्स को सुरक्षित आज़ाद कराना व यूगांडा के सेक्युरिटी गार्डज़ तथा फिलस्तीनी आतंकियों को खत्म करना,  दूसरी टीम का काम था अपने कार्गो जहाजों को सुरक्षित रखना, और यूगांडा की एयरफोर्स के 30 लड़ाकू जहाज़ों को नष्ट करना और चौथी टीम का काम था  छुड़ाये गए बंधकों को आख़िरी  जहाज में ले उड़ना।

सब कुछ कर लिया गया। ऑपरेशन कामयाब रहा,  यात्री सुरक्षित निकाल लिए गए, सारे हाईजैकर्स और युगांडा के 45 सैनिक भी मारे गए। 

इजरायली कमांडोज ने एयरपोर्ट पर खड़े यूगांडा के 30 फाइटर जहाज़ तबाह कर दिए थे, तांकि दुश्मन पीछा न कर सकें, और यात्री कमांडोज़ द्वारा लाये गए जहाजों में अपने देश इजराइल की ओर चल दिए। 

केवल 3 होस्टेज मारे गए और एक जांबाज़ कमांडो इस ऑपरेशन में शहीद हो गए। इस कमांडो कमांडर, का नाम था  लेफ्टिनेंट कर्नल योनाथन नेतान्याहू।  योनाथन नेतान्याहू वर्तमान इजरायली प्रधानमन्त्री, श्री बेंजामिन नेतान्याहू के  भाई थे।


ऐसे जांबाज़ परिवार और मुल्क को गुरु बलवन्त गुरुने का सलाम।

🚩तत्त सत्त श्री अकाल🚩
📿गुरु  बलवन्त गुरुने⚔

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