हिन्द चीन और हिन्दपाक सीमा पे चल रही तनातनी को ले कर नरिंदरभाई मोदी अथवा भारत सरकार की आलोचना .............कितनी ठीक कितनी ग़लत

WHY I LIKE NAMO and hope he will do so much GOOD FOR INDIA

कुछ मित्र हिन्द पाक सीमा तथा हिन्द चीन सीमा पे चल रही तनातनी को ले कर तनाव में नरिंदरभाई मोदी की आलोचना करते पाये  गए। इस सब के चलते मुझे लगा की मैं दोस्तों को सच से रूबरू करवा ही दूँ।  शुरू  में ही कहता चलूँ की नमो पे लगाये जा रहे  सभी इलज़ाम गलत हैं। आईये देखें क्यों  और कैसे ?  असलियत यह है की 1999 के बाद पहली बार भारत किसी भी प्रकार की पाक शरारत का धड़ल्ले से जबाब दे  रहा है और इस का सीधा श्रेय PMO यानी प्रधान मंत्री कार्यालय को जाता है।  हमारे जंगजू हवाई लड़ाकू विमान तैयार  खड़े हैं I आदेश मिलते ही हमारे हवाई योद्धा दुश्मन की  छाती  चीरने को लालायित हैं।  हमारे समुंद्री जंगी बेड़े  और पनडुब्बियां भी,  किसी भी  प्रकार के 'डिफेंसिव-ऑफेन्सिव' एक्शन के लिए तैयार हैं।   याद रहे की ये सब पी एम  मोदी की  हमारे नेशनल सेक्युरिटी एडवाइजर अजित डोवाल द्वारा पेश की गयी "आक्रामक प्रतिरक्षा" के डॉक्ट्रिन को  हरी झंडी दिखाने का नतीजा है।  अजित डोवाल इस स्ट्रैटेजी की इम्प्लीमेंटेशन की  मांग कई बार कर चुके थे लेकिन मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्हों ने इस पे एक्शन का हुक्म दिया।  यह वोही स्ट्रैटेजी है जिसे इज़राइल अपने शत्रुओं के विरुद्ध इस्तेमाल करता है।  मैं खुद भी  'कोल्ड स्टार्ट ' तथा 'आक्रामक प्रतिरक्षा' जैसी स्ट्रॅटजीज़ यानी नीतिओं  का डाई हार्ड हिमायती हूँ।  ये सब स्ट्रॅटजीज़ हमारे लिए कोई नयी नहीं हैं लेकिन जरूरत  थी तो पॉलिटिकल विल की।  ख़ुशी की बात है की मोदी के रूप में हमें ऐसा लीडर मिला जो इस से नहीं चूका।

1.   सोमवार की सुबह सवेरे ही PMO यानी प्रधान मंत्री कार्यालय से रक्षामंत्रालय तथा सेना प्रमुखों को पाकिस्तानी शरारत का मुंहतोड़ जबाब देने के स्पष्ट हुक्म सुना दिए गए थे। 

2.   तभी से सेना की  105 mm और  120 mm तोपें, 155 mm होव्ट्ज़र गन्स ,  हैवी रॉकेट बैट्रिज़ और 100 mm  तथा  81 mm mortar units बॉर्डर पे दुश्मन के  परखच्चे उड़ाने में लगी हुई हैं। ये करवाई LoC पर कारगिल से राजौरी तथा आर इस पूरा से जम्मू तक तमाम जगहों पर की जा रही है।
 

3.  10,000 से भी ज्यादा गोले दागे जा चुके है और  500,000 दे ज्यादा हैवी मशीन गन तथा लाइट मशीन गन की गोलियों की बौछार  इन्दर देव की बारिश की तरहं पाक धरती पे बरसाई जा चुकी हैं।

4.   100  से ज्यादा पाकिस्तानियों के फौत  होने की खबरें हैं जिन में ज़्यादा तर फौजी हैं। 

5.   सैंकड़ों पाकिस्तानी बॉर्डर पोस्टों  को तहस नहस कर दिया गया  है।

6.   30 से ज्यादा दहशत पसंद मारे जा चुके हैं और 400-450 दहशत पसंद जो बॉर्डर पार कर के  हिदुस्तान की सर ज़मीन पर अपने नापाक इरादों  को सरंजाम देने वाले थे , पाकिस्तान ने फिर से अपने बिलों में छुपा दिए हैं , यानि टेक्निकल भाषा में बात करें तो उन्हें  लॉन्च पैड्स से हटा कर स्टेजिंग एरियाज में भेज दिया गया है।

7.   तमाम बॉर्डर पे शानदार ब्रह्मोस बैटरीज तैनात कर दी गयी हैं।  ये सब तो अभी शुरुआत भर है और इतने में ही पाकी जंगजू अपनी पतलून संभालते हुए यु-एन जा पहुंचे है जहां वो 'इन हिन्दुस्तानियों को रोको' की गुहार लगा रहे हैं। 

8.   हमारे सैन्य दल खुश हैं की बरसों बाद उन्हें ईंट का जबाब पत्थर  से देने के आदेश मिले हैं। ये खुली छूट उन्हें मुद्तों बाद मिली है और वो  खुल कर सांस लेते हुए सैन्य  करवाई कर रहे हैं.   यहां ये भी बताता चलूँ की हमारे गोला  बारूद के भंडार जो की पिछली सरकार के चलते एक खतरनाक हद तक कम थे अब पूरी तरह भर दिए  गए हैं और आज हम एक लम्बी और निर्णायक लड़ाई लड़ने की ताक़त रखते हैं।

9 .  चीन की भी बात करता चलूँ।  चीन के 1000 घुसपैठिये सैनिकों के जबाब में भारत ने भी अपने 1500 जांबाज़ उन के इलाके में तैनात कर दिए ……नतिजा। ……चीनी नमो नमो कहते हुए वापिस हो लिए।  

             क्या ये  सब काफी नहीं है ? विरोधी राजनीतिक दल या फिर मीडिया कुछ भी कहें,  लेकिन  सच तो यह है की पिछले कई दशकों में बिना जंग का एलान किये भारत ने ये सब पहली बार किया  है। अब न तो मेरा ये सब लिखना कोई नमो गुणगान है और  न ही कोई सरकारी बयान। … ये तो  हिंदी  भाषि देशवासियों को यथार्थ का दर्शन करवाने और उन का हौंसला बुलंद करने की  एक छोटी सी कोशिश है।   शामिक मोइत्रा का धन्यवादी हूँ उन के इस ही सन्दर्भ में लिखे गए अंग्रेजी लेख ' Three Cheers for Indian Army' के लिए ।                                                                                                                                                                                       जय हिन्द। … कवि बलवंत गुरने।

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