☣आदरणीय अटल जी के अटल सच्च☣@ ✒गुरु बलवन्त गुरुने⚔




🚩☣पढ़िए अटल के कुछ अटल सच्च, गुरु गुरुने की ज़ुबानी☣🚩@✒GBG⚔

1.  आदरणीय वाजपयी जी अब नहीं रहे.  जन्म, 25 दिसम्बर 1924, स्थान ग्वालियर मध्य प्रदेश, मृत्यु 16 अगस्त 2018, देहली। (उम्र 93 वर्ष). दल :-  विद्यार्थी जीवन काल में कम्युनिस्ट पार्टियों से सम्बन्ध, फिर कॉलेज की राजनीती के उपरांत 1977 तक भारतीय जन सन्घ, 1977 से 1980 तक- जन्ता दल, 1980 से 2018, भारतीय जन्ता पार्टी। कालेज, ग्वालियर, कानपूर, और विश्विद्यालय आगरा। मूल कर्म- कवी, लेखक और राजनीतिज्ञ, पूर्व प्रधान मंत्री भारत।

2.   सब से पहले तो पूर्व प्रधानमन्त्री को मृत्योपरांत श्रधांजलि और नमन, और अब कुछ कड़वे सच।  कवि ह्रदय तो थे ही, आशिक़ ह्रदय भी थे।  कुलदीप नैयर की मानें तो अटल बिहारी वाजपेयी के रोमांटिक एहसास उन ही की सहपाठिनी राजकुमारी कौल के लिए ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में पढ़ाई के दौरान पनपे।  कहता चलूँ कि राजकुमारी कौल आखिरी वक्त तक अटल जी के साथ रहीं।

3.  कहा जाता है कि अटल जी ने कॉलेज के वक्त चिठ्ठी  के जरिए अपने प्रेम का इजहार भी किया था, लेकिन राजकुमारी कौल के पिता ने उनकी शादी  कॉलेज प्रोफेसर ब्रिज नारायण कौल से कर दी,  जिसके बाद राजकुमारी कौल दिल्ली में शिफ्ट हो गई।

4.   इसके बावजूद अटल और राजुकमारी कौल की दोस्ती पर कोई आंच नहीं आई, यहां तक की राजकुमारी कॉल जी वाजपेयी के साथ शिफ्ट कर गयीं और लिव इन रिलेशन में रहने लगीं।  जगत दिखाई के लिये बाजपेयी जी आजीवन कुँवारे ही रहे, लेकिन हकीकत यह है की प्रोफेसर कौल की बीवी अब उन की बीवी थी, और इस प्रेमी जोड़े की बेटी, नमिता को ओफ्फिशिअली बाजपेयी ने गोद ले लिया।  यानी कानूनन वाजपयी की सभी चल अचल सम्पति की वारिस नमिता है।

5.   कुछ सूत्रों के अनुसार कविवर बचपन के प्रेम को भुला न पाये, और अब  प्रोफेसर  बी.एन. कौल की बीवी  बन चुकी सुश्री राजकुमारी कौल जी, जो अब विवाहिता थीं,  के इश्क़ में पुन्ह ग्रिफ्तार हो गये, राजकुमारी को बिना किसी युद्ध, स्वयम्वर, विवाह या विवाद के ही हर लिया कविवर ने।  इस प्यार के चलते एक लड़की हो गयी, अब  प्रोफेसर साहिब की लुगाई अटल जी के यहां परमानेंटली शिफ्ट हों गयी और  प्रोफेसर साहिब अपने ओरिजिनल बच्चों को ले कर अमेरिका निकल गये या यहीं कहीं टूटे हुए दिल के मारे मृतयु का ग्रास बने, या उन का क्या हुआ कोई नहीं जानता।

6.   अब अटल जी, उन की लिव इन प्रेमिका और उन की लड़की, नमिता और लड़की का जवाई रंजन इत्यादि अटल जी का परिवार हैं। जो भी हो, सत्य तो यह है की राजकुमारी जी आजीवन अटल जी के साथ रही और  84 साल की उम्र में राजकुमारी कौल जी का देहांत हो गया ।

7.  वाजपयी जी रसिक थे, मासांहार के शौक़ीन थे, और राजनीती को केवल 'शोर शराबा' कहते थे। वह अक्सर हंसते थे और कहते थे कि राजनीती के 'शोर शराबे 'के बाद कुछ शराब तो आवध्यक है।

8.    मनाली अटल जी की सबसे प्रिय स्थली थी, जब भी रिलैक्स करना चाहते तो मनाली चले जाते, और आखिर  रिटायरमेंट के बाद सपरिवार मनाली में ही रहने लगे।

9.  आदरणीय बोलते बहुत अच्छा थे, कवि भी थे, गांधी और नेहरू के फैन थे, लेकिन राजनीती बहुत कमीनी चीज़ है साईं,  इस में सीधी ऊँगली से घी निकालना असम्भव है। इस ही के चलते कविवर ने इलाहबाद से गाय का मुद्दा गर्म करते हुए गौरक्षा का नारा बुलन्द  कर अपनी असली उठा पठक वाली राजनीती शुरू की।  अडवाणी जी  तक आदरणीय के सेक्रेटरी  रहे, और इस के एवज में ग्रह मंत्री तक बने, जब आदरणीय अटल  प्रधानमन्त्री बने। 

10.    प्रधान मंत्री बनने के बाद पार्टीबाज़ी से ऊपर उठ कर काम किया, इस की सराहना अत्यंत आवश्यक है, पाकिस्तान के साथ बस की राजनीती शुरू की, जिस की नकल में मोदी जी पाकिस्तान में बिना बुलावे हवाईजहाज से जा टपके,  लेकिन  फ़िर भी बात न बन पाई। बात तो 'वाजपयी की बस' से भी नहीं बनी थी।  फिर भी युद्ध हुआ। मेरे विचार में मोदी जी ने कम से कम यह तो कह दिया पकिस्तान से के यार जब जी करे गा आएं गे, बुलावा भेजो या न, और यदी दिल न किया तो नहीं आएं गे, उपरांत तुम्हारे बुलावे के।

11.  विरोधी तो CIA के साथ  भी अटल जी के तथाकथित सम्बन्धों पर तीर कसते हैं, और आप भी इन इल्ज़ामों से उभर न पाये। सच्च क्या है, केवल राम जानता है।  जहां तक धन धान्य की बात है, तो सुना है के बाबा के पास सूट केस भर के नोटों के हैं, तहखाने भर के जेवरात के। किवदन्ती है साहिब किवदन्ती।

12.   अब सारी कहानी रंजन भटाचार्जी की और प्रियदर्शिनी निमित्ता  की है, जो हूबहू अटल जी की कापी है। वैसे अटल जी की बेटी और जवाई काफ़ी स्विंगर किस्म के हैं, लेकिन उन का राजनितिक भविष्य फ़िलहाल एक दम सिफर है। अटल जी प्रमोद महाजन और अडवाणी के हाथों में भाजपा को देख कर खुश थे, लेकिन प्रमोद जी तो एक एक्सिडेंट में मारे गये, और अडवाणी जी राजनीती के आउटर सर्कल में जा पहुंचे, और इस तरहं अटल जी की अटल विरासत खत्म सी ही हो गयी, यानी वक्त वाजपेयी जी से बलवान निकला।

13.   एक बार फिर मुक़दर के सिकन्दर पूर्व प्रधानमन्त्री  को और एक अती आदरणीय कवि को मेरा प्रणाम।
🚩तत्त सत्त श्री अकाल🚩
✒गुरु बलवन्त गुरुने⚔

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