मैं मानसिक रूप से तैयार हूं........................

मैं मानसिक रूप से तैयार हूं आने वाले दो वर्षों तक बढ़ने वाली महंगाई का सामना करने के लिये. देश का खजाना खाली है - मैं ये जानता हूं खजाना खाली क्यों है, ये भी जानता हूं.
खजाना कहां गया. देश की आर्थिक स्थिति से अनभिज्ञ नहीं हूं. मैं फीफा वर्ल्ड कप से अधिक निगाह ईराक पे बनाए बैठा हूं. ईराक संकट से देश में और महंगाई आयेगी - मैं इसके लिये तैयार हूं. जो यह पोस्ट कर रहे हैं कि क्या फ़र्क रह गया पिछली यूपीए सरकार में और आज की मोदी सरकार में ? उन्हें अपनी आंखें खोलनी चाहिये. फ़र्क है नीयत का. मुझे विश्वास है कि बढ़ी महंगायी की एक-एक पायी सरकारी खजाने में जायेगी, न कि स्विस बंकों में.
अच्छे दिन आ गये क्या ? अब मोदी को वोट क्या दे दिया लोग हथेली पर सरसों उगाने पर तुल गए है. सच्ची बात तो यह है की सही नतीजे 3 साल बाद मिलने शुरू होंगे.. and a lot will still depend on international circumstances. ये दो मिनट का मैगी नूडल नहीं है.
सरकार के साथ साथ हमारा भी देश के प्रति कोई कर्तव्य है.
-जरुरत से ज्यादा भोजन थाली में मत लो ,
-जरुरत में ही आप अपना वाहन उपयोग करो ,पेट्रोल का दुरूपयोग मत करो ,
-आजूबाजू गंदकी न करो और किसी और को भी मत करने दो ,
-व्यापारी अपना इनकम टैक्स सही भरो ,
-धर्म प्रेम नहीं राष्ट्र धर्म पर कायम रहो ,
-हमेशा राष्ट्र हित में ही अपनी सोच रखो ,
यदि आप भी यही विचार रखते हैं तो स्वागत है. ........ 
..कवि बलवंत गुरुने 

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